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फ्लाई ट्रैप काम कैसे करता है?
फ्लाई ट्रैप या मक्खियों के फंदे के मुख्यतः २ भाग हैं: बैग और अंदर रखा जाने वाला चारा जो अमेरिका में पेटेंट किया जा चुका है। चारे को बैग के अंदर डाला जाता है और फिर उसमे पानी एक सीमित मात्रा में डाला जाता है। फलस्वरूप जो मिश्रण तैयार होता है उससे मक्खियां बिना आकर्षित हुए नहीं रह पाती। एक बार अंदर फंसने के बाद मखियाँ इसी पानी के मिश्रण में डूब कर मर जाती है। ये चारा किसी भी प्रकार से विषैला या ज़हरीला नहीं होता।
चारा
- ये चारा इंसान और जानवर दोनों के ही आसपास बिना किसी खतरे के इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
- ये मक्खियों की विभिन्न प्रजातियों के साथ-साथ घरेलु मक्खी और ब्लो फ्लाई को भी पकड़ने में सक्षम है।
मक्खियों को पकड़ने के कुछ टिप्स
- इन फंदों का इस्तेमाल खुले में ही किया जाना चाहिए। ज़रूरी यह है की मक्खियों को कार्यस्थल से दूर रखा जा सके। कुछ फंदों को कार्यस्थल से १०-३० फ़ीट दूर लगाया जाना चाहिए ताकि मक्खियों जैसी बड़ी समस्या कार्यस्थल तक न पहुंचे।
- फ्लाई ट्रैप 30-40 फ़ीट की दूरी तक मक्खियों को आकर्षित करता है। ये दूरी हवा की गति के हिसाब से घट या बढ़ सकती है।
- ये चारा बहुत समय तक काम कर सकता है और घरेलु मक्खी और ब्लो फ्लाई के अलावा भी विभिन्न प्रजातियों को आकर्षित करता है।
- जब पानी सीमा रेखा से नीचे आये तो और पानी डालना चाहिए। पानी फांसी मक्खियों को डुबाने के लिए ज़रूरी है।
- मक्खियों को गर्मी , रौशनी और कम हवा पसंद होती है। फंदे को धुप में लगाना चाहिए। यदि बंद जगह में प्रयोग में लाना हो तो फंदे को इलेक्ट्रिक लाइट से 6 फ़ीट के अंदर अंदर रखना चाहिए।
- मक्खियां 65 डिग्री फारेनहाइट या 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक निष्क्रिय रहती हैं। इससे नीचे के तापमान पर इस फंदे की कार्य करने की अपेक्षा करना उचित नहीं होगा।
- बार बार प्रयोग में लाये जा सकने वाले फंदों के लये – जब वो मक्खियों से भर जाएँ, तो उनको खाली करके, चारा और पानी दोबारा डाल कर इस्तेमाल करना चाहिए।
मक्खियों से क्या और किनको खतरा है?
किसी को भी ये ज्ञान नहीं है की मक्खियां धरती पर मेंढक और चिड़ियों के खाने के अलावा और किस वजह से हैं।
इंसान के लिए ये एक बहुत बड़ी समस्या है क्यूंकि इनसे Dysentery, Typhus, Cholera, Trachoma, और Anthrax जैसी भयंकर बीमारियां फैलती हैं। एक वयस्क मक्खी खाने को विभिन्न प्रकार के कीटाणुओं से दूषित कर देती है।
मक्खियां दुनिया के कोने कोने में मौजूद हैं। इनकी लगभग 119500 प्रजातियां पायी जाती हैं और ये कीट जाती की चौथी सबसे बड़ी प्रजाति है – लगभग 12% कीट मक्खियां हैं।
फ्लाई ट्रैप ही क्यों?
एक मादा मक्खी अपने जीवन काल में 600 से 1000 अंडे देती है। और एक साल में मक्खियों की 12 पीढ़ियां पैदा होती हैं। इसका मतलब है की एक मादा मक्खी एक से हज़ारो की तादाद के लिए ज़िम्मेदार हो सकती हैं।
हाउस फ्लाई यानि घरेलु मक्खी और ब्लो फ्लाई सबसे आम मक्खियां हैं जो घर और कार्यस्थल के आसपास पायी जाती हैं। घरेलु मक्खी जानवरो के खाद में या सड़े हुए खाने में पनपती है और ब्लो फ्लाई सड़े हुए मांस और मछली पर आकर्षित होती है।
और कूड़े करकट में दोनों ही पायी जाती हैं। हाउस फ्लाई खेतों में और जानवरो के आसपास जबकि ब्लो फ्लाई लकड़ी के जंगल पानी के स्त्रोत और इंसानो के आसपास पनप सकती है।
इसी अंतर के वजह से बाजार में मिलने वाले फंदे या तो हाउस फ्लाई या ब्लो फ्लाई एक ही पर काम करते हैं। लेकिन हमारे फंदे दोनों ही पर असरदार हैं।